सीसम का पेड़ आसानी से दिखाई दे जाता है । इसे सिसु , ताहली या ताली , बिरदी , सीसाऊ आदि के नाम से भी जाना जाता है । यह पंजाब का राज्य वृक्ष है । इस सदाबहार पेड़ की चीकू जितने साइज़ की छोटी और चिकनी पत्तियाँ होती हैं । इसके छोटे पीले रंग के फूल होते हैं । इसमे ढाई से तीन इंच की फलियाँ लगती है ।
सीसम के पेड़ से लाभ
सीसम की लकड़ी का फ़र्निचर बनता है जो बहुत मजबूत और भारी होता है । इंगलिश मे सीसम की लकड़ी को रोज़ वुड Rosewood कहते हैं । सीसम की लकड़ी से तेल प्राप्त होता है जो दवा के रूप मे काम आता है । इसके अलावा सीसम की छाल , जड़ और पत्तियों का उपयोग भी दवा के रूप मे हो सकता है ।
सीसम की मदद से कई प्रकार की शारीरिक परेशानी जैसे पाचन की समस्या , जोड़ों मे दर्द , आँखों मे जलन , आँखें लाल होना , नकसीर आना , दांत या त्वचा संबंधी परेशानी मे लाभ मिल सकता है ।
आइए जानें सीसम पेड़ का उपयोग अनेक शारीरिक समस्या मे कैसे फायदा करता है ।
दर्द के लिए सीसम का तेल
दाँत मे , सिर मे या जोड़ों मे दर्द हो तो सीसम के तेल से आराम मिल सकता है । सिर दर्द हो तो इसके तेल की मालिश करनी चाहिए । दाँत मे दर्द हो तो सीसम के तेल मे रुई का फाया भिगोकर दाँत पर रखना चाहिए । जोड़ों मे दर्द हो तो सीसम का तेल गरम करके जोड़ों पर मालिश करने से लाभ होता है ।
आँख लाल हो या आँख मे जलन हो
सीसम के कोमल पत्ते अच्छे से धोकर पीस लें । इसकी लुगदी को रात को सोते समय आँखों के ऊपर रखकर हल्के से बांध लें । इससे आँखों के दर्द , जलन और लालिमा से मुक्ति मिलती है ।
शरीर मे जलन
कुछ लोगों को शरीर मे जलन महसूस होती है । इसके लिए शीशम का तेल जलन वाले हिस्से मे कुछ दिन लगाने से जलन ठीक होती है ।
पेट की जलन
पेट मे जलन होने पर शीशम के कुछ पत्ते पीस कर एक गिलास पानी मे मिला लें । इसे छान लें फिर उसमे मिश्री मिलाकर पीने से पेट की जलन मे आराम मिलता है ।
पेशाब की परेशानी
पेशाब रुक रुक कर आना , पेशाब करते समय जलन होना या दर्द होना । इन सब परेशानियों में सीसम के पत्ते का काढ़ा बना कर सेवन करने से लाभ मिलता है ।
स्तन की सूजन
महिलाओं को अक्सर स्तन मे सूजन की समस्या हो जाती है । ऐसे मे सीसम के पत्तों को गरम करके स्तनों पर बांधने से सूजन ठीक हो जाती है । सीसम के पत्तों के काढ़े से स्तनों को धोने से भी सूजन मे आराम मिलता है । सीसम के पत्तों की भाप भी लाभप्रद होती है ।
मासिक धर्म की परेशानी
सीसम के पत्तों का काढ़ा दिन मे दो बार आधा कप पीने से मासिक धर्म के समय होने वाले दर्द मे आराम मिलता है । सीसम के 8-10 पत्ते मिश्री के साथ पीस कर लेने से मासिक के समय अनियमित रक्त स्राव सामान्य होता है ।
ल्यूकोरिया
सीसम के पत्तों का काढ़ा बना कर इससे योनि को धोने से ल्यूकोरिया मे लाभ होता है । साथ ही सीसम के पत्ते मिश्री के साथ पीस कर सुबह इसका सेवन करना चाहिए ।
त्वचा रोग
सीसम का तेल त्वचा पर लगाने से चरम रोग ठीक होते हैं । यह खुजली भी ठीक करता है । साथ ही आधा कप सीसम के पतों का काढ़ा भी पीना चाहिए ।
रक्त संचार
आधा कप दही मे एक चम्मच शक्कर और एक चम्मच सीसम के पत्तों का रस मिलाकर लेने से रक्त संचार मे लाभ होता है ।
रक्त विकार
सीसम की लकड़ी का बुरादा पानी मे भिगोकर उबालकर बुरा मिलाकर पीने से रक्त विकार दूर होते हैं । इस उपाय से बवासीर का रक्त स्राव और मासिक का अधिक स्राव भी ठीक होता है ।
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